आह… ऑटम ऑटम ऑटम… आ ही गया आखिर। इस बार थोड़ा देर से आया। सितम्बर से नवम्बर तक होने वाला ऑटम अब अक्टूबर में ठीक से आना शुरू हुआ है. सब छुट्टी के मूड में थे तो उसने भी ले लीं कुछ ज्यादा। अब आया है तो बादल, बरसात को भी ले आया है और तींनो मिलकर छुट्टियों की भरपाई ओवर टाइम करके कर रहे हैं। वैसे उनका यूँ आना भी मुझे सुहाता ही है। धरती को पत्तों की शाल मिल जाती है।
अमेरिकी पतझड़
पेड़ों को फिर से अपनी भूमि और बाहें नए पत्तों के स्वागत के लिए तैयार करने में थोड़ा वक़्त लगेगा तब तक बारिश उन्हें नहलाएगी, धुलाएगी। बिना फूल, फल, पत्तों के उन्हें अकेलापन ना खले इसलिए वक़्त वक़्त पर बर्फ मेहमान बन कर जम जाएगी, खेलेगी, बतियाएगी, और कभी कभी धूप आकर सहलाएगी।यानि पतझड़ भी आता है तो पूरे शबाब के साथ और सबको अपने रंग में रंग लेता है.









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