चॉकलेट,मिठाई
आलिंगन, चुम्बन.
गुलाब और टैडी
सारे पड़ावों से गुजर
आखिर में
प्रेम का नंबर आ ही गया
सुना है आज प्रेम दिवस है.
*************
रीत कुछ हम भी निभा लें,
कुछ लाल तुम पहन लो
कुछ लाल मैं भी पहन लूं
चलो हाथ में हाथ डाल
कुछ दूर यूँ ही टहल आयें
कमबख्त लाल फूल भी आज
बहुत महंगे हैं.
*******************
खाली बगीचे से मन
हाथों में सुर्ख गुच्छे
संकीर्ण दिलों के बीच
बड़ा सा दिल बने तकिये
महंगे स्वाद हीन पकवान.
और
खाली होती जेबों के मध्य
दिवस तो मन रहा है
पर
प्रेम नदारद है.


No comments:
Post a Comment